तुलसी का पौधा वास्तु के अनुसार कहाँ लगायें: उद्यान वास्तु सबसे अधिक नजर अंदाज किये जाने वाले वर्गों में से एक है। घर बनाते समय ज्यादातर लोग कमरों और अन्य हिस्सों के वास्तु पर ध्यान देते हैं और गार्डन एरिया पर खासकर घर में पवित्र स्थानों जैसे तुलसी और पूजा स्थल मैडिटेशन के स्थान को चयन करना भूल जाते है और बहुत कम ध्यान देते हैं।
कुछ बुद्धिमान लोग हैं जो इसके महत्व को समझते हैं(या समझना चाहते हैं) और अपने बगीचों में भी वास्तु शास्त्र को लागू करना चाहते हैं! तो आइए divinepanchtatva.com में सीखते हैं घर में तुलसी व बगीचा लगाने के बारे में वास्तु शास्त्र क्या कहता है।
तुलसी का पौधा वास्तु के अनुसार कहाँ लगायें: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का महत्व बहुत खास होता है, तुलसी के पौधे को घर में शुभ माना जाता है. तुलसी का पौधा शुभ होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. सर्दियों के मौसम में तुलसी का सेवन काढ़े और दवाई के रूप में या चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। कुछ लोग तुलसी की कंठी माला अपने गले में सदैव धारण करके रखते है क्योंकि तुलसी श्री हरी विष्णु जी को बहुत प्रिय है। इसीलिए तुलसी का पौधा अधिकतर लोगों के घर में पाया जाता है, या तो एक पौधे से अनेक पौधे बन जाते हैं या कई कारणों से तुलसी का पौधा सूखने लगता है और कुछ ही समय में बेजान और खराब हो जाता है. ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, कुछ बेहद आसान और बहुत काम आने वाली टिप्स जिन्हें अपनाकर आप तुलसी के पौधे को लंबे समय तक हरा-भरा रख सकते हैं तुलसी के पौधे की वास्तु के अनुसार पूजा अर्चना कर उसका लाभ उठा सकते हैं आइए जानते हैं ——
यहां एक चित्र है तुलसी का पौधा वास्तु के अनुसार कहाँ लगायें: जो गार्डन वास्तु को समझने के लिए बनाया गया है –
तुलसी के पौधा लगाते वक़्त रखें कुछ बातों का ध्यान-
तुलसी का पौधा लगानें के कुछ नियम हैं जिन्हें आपको पालन करना होगा –
तुलसी के पौधे को लंबे समय तक हरा रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स –
- तुलसी के पौधे रविवार को न लगायें व रविवार के दिन तुलसी में जल चढ़ाना वर्जित है
- सबसे पहले तुलसी का पौधा लगाने के लिये मिट्टी शुद्ध होनी चाहिये मिटटी का चयन ध्यान पूर्वक करें।
- तुलसी का पौधा उगाते समय मिट्टी के साथ 25% से 30% रेत को मिक्स कर मिश्रण जरुर बना लें।
- फिर उसमें गाय के गोबर की खाद्य सुखे पाउडर के रूप में बना कर मिटटी के मिश्रण के साथ मिला ले।
- तुलसी के पौधे में गीली गोबर का खाद न डालें गीली गोबर के कारण पौधा खराब हो जाता है। गीली गोबर न डालकर गोबर सुखाकर पाउडर बनाकर मिश्रण में मिलायें।
- अब उस मिश्रण में आपने जो पौधा किसी से लिया है अथवा ख़रीदा है। उसे उस मिटटी के मिश्रण में लगा दीजिये और उसमें जल का छिडकाव करें।
- तुलसी की जड़ों में फंगस लगने का खतरा अन्य पौधों के मुकाबले ज्यादा रहता है, इसीलिए तुलसी में पानी की मात्रा सीमित रखें. तुलसी को हर रोज थोड़ा-थोड़ा पानी ही दें।
- सर्दियों के मौसम में तुलसी के पौधे को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, इसीलिए 2 से 3 दिन में ही पानी दें। हर रोज पानी का छिड़काव कर सकते रविवार को छोड़ कर।
- तुलसी के पौधे के आस-पास स्वछता का खास ख्याल रखें।
- तुलसी का पौधा शुभ होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है।
- तुलसी के पौधे सही धुप और सही समय पर पानी मिलना जरुरी है।
- तुलसी के पौधे की संख्या के बारे में गुणीजन मानते है 1,3,5,7 होनी चहिये
- तुलसी के पौधे स्वयं एक से अनेक हो जाते है और इतने शुभ होते है जहाँ रखें वह स्थान शुद्ध हो जाता है ऐसे में इनकी संख्या को निर्धारित कर पाना संभव नहीं है।
फिर, वास्तु शास्त्र में बाकी सभी चीजों की तरह, यदि आप घर में बगीचा बनाने की योजना बना रहे हैं। सबसे पहले दिशा का चुनाव सुनिश्चित कर लें।
शुरू करने से ठीक पहले, मैं आपको बताना चाहता हूं कि उद्यान वास्तु पर जानकारी की मात्रा अत्यधिक हो सकती है यही कारण है। कि लेख को 2 खंडों में विभाजित किया है।
पहला खंड उद्यान वास्तु के दिशा-चयन कहाँ करें और कहाँ न करें के बारे में है और दूसरा खंड सामान्य उद्यान वास्तु युक्तियों का खुलासा करता है।
इसे ध्यान में रखते हुए, लेख के पहले भाग की ओर आगे बढ़ें
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यानी दिशा-निर्देशानुसार –
उद्यान एवं गृह वास्तु में तुलसी का पौधा अष्ट दिशाओं में कहाँ लगायें और कहाँ न लगायें-
इस पर एक नज़र डालो!
तुलसी का पौधा वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह उद्यान में सर्वोत्तम व्यवस्था
उत्तर
क्या पालन करें।
- बगीचे को उत्तर दिशा की ओर स्थापित करने का प्रयास करें।
- उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा आपके बगीचे के लिए अच्छा है।
- छोटी झाड़ियाँ और पौधे। (गुलाब को छोड़कर कोई कैक्टस और कांटेदार पौधा नहीं)
- पेड़ पौधो के गमलें का रंग सुर्ख-लाल न होI
- विशाल पेड़ों से बचें।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
- कोई भारी धार्मिक आकृति, रॉक गार्डन आदि नहीं।
दक्षिण
क्या पालन करना है।
- वैसे तो घरों में विशाल पेड़ नहीं लगाए जानें चाहियें हैं। (घर के अंदर या नजदीक नहीं)
- तुलसी का पौधा यहाँ नहीं रखना है।
- दक्षिण दिशा को ऊँचा रखेंI
- यहां कोई भी भारी चीज जैसे रॉक गार्डन आदि अच्छा है।
- यहां खुली जगह कम होनी चाहियें।
क्या परहेज करें।
- कोई जल निकाय नहीं।
- कोई स्विमिंग पूल नहीं।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
- कोई हल्के वजन वाली वस्तु नहीं।
- कोई झूला नहीं।
- कोई पालतू जानवर रखने की जगह नहीं।
पूर्व
नियम पालन करनें है।
- पूर्व दिशा में बगीचा लगाना अच्छा रहता है।
- पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है।
- पूर्व दिशा में पीले और गहरे लाल रंग के गमले या पॉट न होंI
- पूर्व दिशा में भी झूला लगा सकते हैं।
- पूर्व दिशा में छोटी झाड़ियाँ और पौधे भी अच्छे होते हैं।
- पूर्व दिशा में फल देने वाले पेड़ (छोटे वाले) बहुत अच्छे होते हैं।
- स्नान घर के लिए उत्तम स्थान।
- पानी के फव्वारे के लिए पूर्व एक और अच्छा स्थान है।
- पानी पूर्व की तरफ से घर से बाहर निकलेI
- आप यहां बैठने की खुली जगह पा सकते हैं।
- पूर्व दिशा में फूलों के गमले रखना अच्छा रहता है।
क्या परहेज करें।
- कोई बड़े पेड़ नहीं।
- शौचालय यहाँ पर अच्छा नहीं सिर्फ स्नान करने के लिए उत्तम।
- बिल्कुल कोई अव्यवस्था नहीं।
- कोई रॉक गार्डन वगैरह नहीं।
- कुछ भी भारी नहीं।
पश्चिम
- क्या नियम पालन करना है।
- यहां बड़े पेड़ (आम आदि) लगाए जा सकते हैं। (घर में व घर के नजदीक नहीं)
- वैकल्पिक रूप से आप यहां एक पानी का फव्वारा ढूंढ सकते हैं।
- पानी नार्थ या ईस्ट की और बहना चाहियेI
- यहां भारी मूर्तियां, रॉक गार्डन, पत्थर के धार्मिक चित्र स्थित करतें हैं।
क्या परहेज करें।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
- कोई झूला नहीं।
- कोई पालतू जानवर रखने की जगह नहीं।
ईशान कोण
क्या नियम पालन करना है।
- यहां का स्विमिंग पूल सबसे अच्छा है।
- यहां तुलसी का पौधा शुभ होता है।
- यहां फूलों के गमले (केवल जमीन पर) रखे जा सकते हैं।
- लाल रंग के पॉट व गमलों से परहेजI
- पानी के फव्वारे लगा सकते हैं फव्वारा घर के ईस्ट की ओर बहना चाहिए।
- गणेश जी, शिव जी व ॐ, आदि की प्रतिमा या कलाकृति के लिए शुभ।
- पूजा-पाठ व ध्यान के लिए उत्तम स्थान।
- हायर-स्टडीज, रिसेर्च के लिये उत्तम।
क्या परहेज करें।
- लाल रंग से परहेजI
- कोई विशाल पेड़ नहीं।
- कोई कांटेदार पौधे नहीं।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
- यहां कुछ भी भारी नहीं है।
उत्तर पश्चिम
क्या पालन नियम करना है।
- यहां बच्चों के खेलने का क्षेत्र बहुत अच्छा है।
- पानी के फव्वारे के लिए दूसरा सर्वश्रेष्ठ।
- पालतू जानवर के स्थान और पक्षी के घोंसले आदि के लिए सर्वोत्तम।
- पर-परागण के लिए पौधे लगाएं।
क्या परहेज करें।
- कोई भारी वस्तु नहीं।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
दक्षिण पूर्व
क्या नियम पालन करना है।
- यहाँ तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है उत्तम फल
- यहां गुलाब जैसे पौधे उगाए जा सकते हैं।
- जिन पौधों को उच्च तापमान की आवश्यकता होती है उन्हें यहां लगाया जा सकता है।
क्या परहेज करें।
- कोई पानी का फव्वारा नहीं।
- यहां कोई स्विमिंग पूल नहीं है।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
दक्षिण पश्चिम
क्या नियम पालन करना है।
- ऊँचे पेड़ यहाँ अच्छे नहीं हैं। (घर के नजदीक नहीं)
- यहाँ पेड़-पौधे लगाने के अच्छे परिणाम नहीं है ।
- यहां खुली जगह कम रखें।
क्या परहेज करें।
- तुलसी के पौधे के लियें उत्तम नहीं
- कोई पानी का फव्वारा नहीं।
- बिल्कुल कोई स्विमिंग पूल नहीं।
- कोई अव्यवस्था नहीं।
- कोई हल्के वजन वाली वस्तु नहीं।
केंद्र, ब्रह्मस्थान(सेंटर)
क्या नियम पालन करना है।
- इसे खुला और साफ रखें।
- इसे गहरा न रखेI
- घर में केंद्र सबसे महत्वपूर्णI
- ध्यान के लिए उत्तम
- घर का ब्रह्म स्थान कहलाता है
- साफ-सुथरा स्वच्छI
क्या परहेज करें।
- यह स्थान खाली होना चाहियें
- तुलसी के लियें स्थान है
- कोई स्विमिंग पूल नहीं।
- कोई पौधा नहीं।
- कोई पानी का फव्वारा नहीं।
- कोई भारी लेख या ग्रंथ नहीं।
- कोई भारी सामान नहीं
- कोई रॉक गार्डन वगैरह नहीं।
तुलसी का पौधा वास्तु के अनुसार कहाँ लगायें: उपरोक्त दिशा-अनुसार उद्यान वास्तु युक्तियों के अलावा, यहां बगीचे के लिए कुछ सामान्य (दिशा-रहित) वास्तु युक्तियाँ दी गई हैं।
सामान्य उद्यान वास्तु – क्या पालन करें
- घर की सीमा के भीतर हमेशा एक स्वस्थ्य तुलसी का पौधा रखें।
- तुलसी का पौधा नार्थ वेस्ट, नार्थ, इस्ट और साउथ ईस्ट में रख सकतें हैंI
- साउथ इस्ट में लक्ष्मी आने का मार्ग है वहां तुलसी राखी जा सकती हैंI
- रास्ते के दोनों ओर चमेली का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
- लताएं बगीचे में ही उगानी चाहिए।
- प्रत्येक लता की अपनी सहायता प्रणाली होनी चाहिए।
- बगीचे को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
- सुनिश्चित करें कि सभी पौधे स्वस्थ और अच्छी तरह से रखे गए हैं।
- बगीचा शांतिपूर्ण और आरामदायक होना चाहिए।
- प्यासे पक्षियों के लिए अन्न, पानी का बर्तन रखें (यह अच्छा कर्म है!)
- घरों में छत से ऊपर कोई भी पेड़ न हो, SW दिशा में बड़े पेड़ होने से घर में पैसों की बचत नहीं हो पाती है।
- घरों में अक्सर केलें, खजूर, करोंदा(कर्कन्धु), बीजोरा, अशोक, पारिजात आदि वृक्षों उगतें हो तो वहा कभी वृद्धि नहीं हो पाती।
सामान्य उद्यान वास्तु – क्या न करें (10 युक्तियाँ)
- कांटेदार पौधों (जैसे कैक्टस) से बचें; वे तनाव लाते हैं और रिश्तों को कमजोर करते हैं।
- बोन्साई पौधों से बचें (वे रुके हुए विकास को दर्शाते हैं)।
- घर की सीमा के भीतर बेर और बांस के पौधे नहीं होनें चाहियें।
- मृत पत्तियाँ, मृत पौधे आदि सख्त वर्जित हैं।
- युद्ध, रोती हुई लड़की, अकेलापन आदि जैसी नकारात्मक भावनाओं को दर्शाने वाली कलाकृतियों से बचें।
- घर के अंदर कोई लता नहीं।
- परिसर की दीवार लताओं के सहारे नहीं होनी चाहिए।
- परिसर की दीवार पर कोई फूलदान नहीं।
- गमलों में पौधे 3-4 फीट से अधिक लम्बे नहीं होने चाहिए।
- जिनसे दूध निकले वों पेड़ या पौधे सख्त वर्जित हैं।
ठीक है!
तुलसी का पौधा वास्तु के अनुसार कहाँ लगायें: तो ये थे बहुत सारे उद्यान वास्तु टिप्स; लेकिन वह सब पर्याप्त नहीं है। हमें आपको यह भी बताना होगा कि सभी पौधे और पेड़ समान रूप से शुभ नहीं होते हैं; इसलिए आपको इस बात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है कि आप अपने घर के बगीचे में कौन से पौधे बो रहे हैं। अब, इसमें आपकी मदद के लिए, एक छोटी सी तालिका बनाई है (जिसे आप नीचे देख सकते हैं)।
यह तालिका उन पौधों और पेड़ों को दर्शाती है जिन्हें उद्यान वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है। यहां उन शुभ पौधों की सूची दी गई है जिन्हें आप वास्तु के अनुसार अपने बगीचे में उगा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ पेड़ और पौधे
वर्जित Plants(पौधे) | Trees(पेड़) जो की शुभ हैं |
नारियल | तुलसी |
चंदन | चमेली |
नींबू | |
कटहल | चम्पा |
अनानास | फ्रेंगिपानी |
बादाम | केसर |
आम | छोटे फूलों के पोधें |
बकुल | |
अज़ादिराक्टा इंडिका (नीम का पेड़) |
खैर,तुलसी का पौधा वास्तु के अनुसार कहाँ लगायें: जब उद्यान वास्तु शास्त्र की बात आती है। तो बस इतना ही है। इसमें तुलसी का बड़ा ही धार्मिक व महत्व पूर्ण स्थान है। तुलसी बहुत पवित्र पौधा है। अत: इसे यथौचित स्थान देना अनिवार्य है।
मुझे आशा और विश्वास है कि अब आप जान गए हैं कि अपने घर के बगीचे को वास्तव में आनंदमय कैसे बनाया जाए।
FAQ –
प्रश्न -तुलसी का पौधा घर में कहाँ रखना चाहिए?
उत्तर – तुलसी का पौधा वास्तु शास्त्र के अनुसार – घर में लगाने के सही दिशा: तुलसी का पौधा सनातन काल से ही पवित्र माना है इसलिए तुलसी के पौधे को हमेशा सकारात्मक दिशा में ही लगाना चाहियें जैसे की – उत्तर या उत्तर-पूर्व, पूर्व , दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। दक्षिण पूर्व दिशा में लक्ष्मी जी का वास होता है। इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में पॉजिटिविटी बढ़ती है। तुलसी का पौधा स्वयं का प्रभाव ही शुभता देने वाला होता है। यह जिस स्थान पर हो वहाँ पर शुद्धता व स्वछता का ध्यान रखना चाहिये घर में या बगीचे में दक्षिण , दक्षिण दक्षिण पश्चिम, दक्षिण पश्चिम दिशाओ में तुलसी का पौधा नहीं रखना चाहियें क्योंकि ये दिशायें नकारात्मक मानी गयी हैं।
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