वास्तुशास्त्र: वेदों के अनुसार वास्तु शास्त्र
वास्तुशास्त्र: कला किसी भी सभ्यता और संस्कृति की जीवंत साक्ष्य होती है। इस पृथ्वी पर सामूहिक रूप से अनुकूलन के साथ निवास स्थान बनाने की विद्या को वास्तुविद्या कहा जाता है। ‘समराङ्गणसूत्रधार‘ नामक वास्तुग्रंथ में कहा गया है कि पृथ्वी मुख्य वास्तु हैं, उन पर जो उत्पन्न होते हैं, उनके निवास (आश्रय) हैं जो … Read more